Naturopathy Treatment

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Ayurvedic Treatments

Monday, March 23, 2020

જો જો કોઈ આપના વિસ્તારમાં ભૂખો ન રહે



 
    નવસારી જિલ્લામાં આજે વર્ષો થી ગરીબો જેની કોઈ પણ રાશન કાર્ડ કે પુરાવા નથી .એવા ગરીબોને અન્નબ્રમ્હ યોજના મુુજબ અનાજ વિતરણ કરવા માટે જણાવ્યું છે. પરંતુ નવસારી જિલ્લામાં પુરવઠા વિભાગ સાથે મોટા ભાગના મામલતદારો કે અધિકારીઓ, નાયબ મામલતદારો સરકારની તમામ યોજનાઓની ઐસીકી તૈસી કરી રહ્યા છે. આરટીઆઈ દ્વારા મળેલ માહિતી મુજબ નવસારી જિલ્લામાં પુરવઠા સંબધિત ગુજરાત સરકારના અન્ન નાગરિક પુરવઠા વિભાગ ગાધીનગરના તમામ પરિપત્રો, ગરીબોના વિકાસ કે સરકાર દ્વારા આપવામાં આવતો અનાજ પરવાનેદારો સાથે મિલીભગત કરી ભ્રષ્ટાચાર માં સહયોગ કરી રહ્યા છે. શાસન પ્રશાસન આજે ભ્રષ્ટાચાર બાબતે એકસાથે નજરે પડી રહ્યા છે. એક સામાન્ય પરવાનેદાર આજે નવસારી જિલ્લા કલેકટર, જિલ્લા પુરવઠા અધિકારી થી ગાધીનગર સુધી તમામ સર્વોચ્ચ અધિકારીઓ સામે ગુન્ડાગર્દી કરી  વર્ષો થી ભ્રષ્ટાચાર કરી સરકારના કાયદાઓની ઐસી કી તૈસી કરી રહ્યો છે. અને ઉપરોકત બધા  અધિકારીઓ આજે લાચાર અસહાય નજરે પડી રહ્યા છે. એનો મુખ્ય કારણ સદર પરવાનેદારને પ્રશાસનના જ અધિકારીઓ કાયદાથી કેવી રીતે છટકબારી કરી નિકળવો એ રસ્તો જણાવી રહ્યા છે. નવસારી જિલ્લા કલેકટર શ્રી પોતે પોતાને મળેલ સત્તા મુજબ હવે સદર બાબતે દખલગીરી કરશે એ આજે સમય સાથે ગરીબોની માંગ છે. 
        આજે કોરોનાની રોકથામ માટે સરકાર પાસે એક માત્ર વિકલ્પ દરેકને ઘરમાં રહેવાનું છે.એના સંદર્ભે બીજી હકીકત પણ જાણવુ જરૂરી છે. મોટા ભાગના નાગરિકો આજે રોજે રોજ મજુરી કરી પેટ ભરતો હોય છે.
ગરીબો, રિક્ષા ચાલકો, લારીઓ ચલાવતા, શાક ભાજી વાળો, બાધકામ માં મજુરી કરનાર, કલર કામ કરનાર વગેરે આજે જે રોજે રોજ કામ કરી બે વખત પેટનો ખાડો પૂરે છે અને પોતાના પરિવાર ચલાવે છે. એ બધાજ આજે મહામારી પહેલા ભુખમરીથી પીડાઈ ને દમ તોડે એ પહેલા દરેકને રોટીની વ્યવસ્થા કરવો જરૂરી છે. ઉપરોક્ત સમાચારની ગંભીરતા થી નોધ લઈ આપ સૌ સમાચાર વાચકોને નમ્ર વિનંતી છે આપણા વિસ્તારમાં કોઈ ભૂખો ન રહે એના માટે વ્યવસ્થા કરવા આજે આપણી સૌની ફરજ છે.

Sunday, March 22, 2020

નવસારી જિલ્લામાં કોરોના સામે આજે એકતાની એક નવી મિશાલ ...





નવસારી જિલ્લામાં કોરોના  સામે આજે એકતાની એક નવી મિશાલ ... 

નવસારી જિલ્લામાં આજે નવસારી અને વિજલપોર શહેરમાં કોરોના ને કોઈ પણ સંજોગોમાં પરાસ્ત કરવા નાબૂદ કરવા માટે પ્રધાનમંત્રી શ્રી નરેન્દ્રભાઇ મોદીના અપીલના સમર્થન માં વધાજ નાગરિકો દુકાનો બંધ રાખી બહાર નીકળવા ટાળી છે. સરકાર શ્રીના આરોગ્ય વિભાગના, સુરક્ષા વિભાગના,નગરપાલિકાના  કર્મચારીઓ અધિકારીઓ કોઈ પણ જરૂરિયાત પૂરી કરવા ફરજ ઉપર હાજર જોવા મળેલ હતા. નવસારી જિલ્લામાં દરેક દૂકાનો મેડિકલ સિવાય બંધ રાખેલ છે. કોઈ પણ સંજોગોમાં હવે કોરોના ભારત દેશ માં દાખલ કે વિકાસ કરવા બદલે નાબૂદ થશે.એમાં કોઈ શક નથી. પર્યાવરણ માનવ અધિકાર સંસ્થા અને લોકરક્ષક પરિવાર દ્વારા નવસારી જિલ્લાના સમસ્ત પ્રશાસનિક અધિકારીઓ કર્મચારીઓ સાથે ભારત દેશના પ્રધાનમંત્રીશ્રીને આ અભિયાનને ભવિષ્ય માં પણ એવી રીતે સમર્થન મળતો રહે એના માટે હાર્દિક શુભેચ્છા પાઠવી છે. અને આપણો દેશ આજે દરેક પ્રકારની ઘાતક બીમારીઓ કે દરેક સમસ્યાનો સામે એક સાથે છે.અને કાયમી ધોરણે રહેશે. જય ભારત જય હિન્દ 

Friday, March 20, 2020

गुजरात में कोरोना को विदेशियों ने करवाई शुरुआत




गुजरात में कोरोना की विदेशियों ने करवाई शुरुआत ..!संख्या 7 तक

कोरोना को ननपा पानी में कटोती करके  बड़ा करने में सहायक 

गुजरात में कोरोना मुक्त राज्य अब नही रहा। विदेश में रहने वालो के द्वारा गुजरात में महानगरो एक एक करके सात नागरिकों में कोरोना पोजीटिव पाया गया। गुजरात सरकार फिलहाल हाइएलर्ट पर है। और ऐसे समय पर सरकार के साथ प्रशासनिक अधिकारी संस्थान सभी एक साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ जमकर एकजुटता दिखाई है। सभी जिले के जिला अधिकारी कलेक्टर एवम जिले के आरोग्य विभाग सुरक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग सभी सर्वोच्च अधिकारियों ने चौबीस घंटे सभी प्रकार की परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। हालांकि ऐसी परिस्थितियों में सभी नागरिकों को स्वयं बचाव के अलावा कोई और उपचार कारगर नही है।नवसारी जिले में सभी नगरपालिकाए अक्सर ऐसे मामलो में अब तक कभी मददगार साबित नही होती। नवसारी जिले की सभी नगरपालिका अपने क्लास के हिसाब से ही भ्रष्टाचार करती हैं। जिसमें नवसारी नगरपालिका पहले विजलपोर दूसरे नं. गणदेवी बीलीमोरा नगरपालिकाए कौन तीन पर रहे उसके लिए काफी मेहनत कर रही है। वैज्ञानिक मतानुसार शरीर में 70 से 80% पानी है। और पानी का प्रभाव शरीर के 70 से 80 ही नही सभी प्रकार की बीमारियों में सौ प्रतिशत प्रभाव रहता है। यहाँ तक कि पानी से वाणी पर भी असर मिलता है। करोडो रूपया सरकार को चूना लगाने वाली नगरपालिकाए अभी २१वी सदी में नागरिकों को शुद्ध पीने योग्य पानी भी मुहैय्या नही करवा पायी। जो खरेखर दुर्भाग्यपूर्ण और शरमजनक है। और करोना जैसी महामारी के सामने नवसारी जिले की नगरपालिकाओ में गटर सफाइ में असफल को आरोग्य अधिकारी का दर्जा दिया जाता है। महामारी जैसे रोगी यहाँ आरोग्य विभाग के सर्वश्रेष्ठ पदो पर विराजमान हैं। कोरोना से बचने के लिए शुद्ध पानी से बार बार देर तक हाथ धोने की सलाह दी जा रही है। और यहाँ ऐसे समय में पीने के लिए पानी में ५०% की कटोती की गई है। ऐसी हालात में संबंधित सभी अधिकारियों को पहले आइशोलेशन में रखने की जरूरत को लोकचर्चा में प्राथमिकता दी जा रही है।  
फिलहाल नवसारी जिले के कलेक्टर और जिला विकास अधिकारी श्री ने किसी भी प्रकार से डरने की कोई जरूरत नही है।हर संभव मदद की जाने की और एहतियात बरत़ने की जोरदार अपील की है। कोरोना के फैलने से रोकने में आज सभी नागरिक एक जुटता दिखाई है। यह अपने आप में एक मिशाल और मजबूरी भी है। 

गुजरात में कोरोना की विदेशियों ने करवाई शुरुआत ..!संख्या 7 तक 

गुजरात में कोरोना मुक्त राज्य अब नही रहा। विदेश में रहने वालो के द्वारा गुजरात में महानगरो  एक एक करके सात नागरिकों में कोरोना पोजीटिव पाया गया। गुजरात सरकार फिलहाल हाइएलर्ट पर है। और ऐसे समय पर सरकार के साथ प्रशासनिक अधिकारी संस्थान सभी एक साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ जमकर एकजुटता दिखाई है। सभी जिले के जिला अधिकारी कलेक्टर एवम जिले के आरोग्य विभाग सुरक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग सभी सर्वोच्च अधिकारियों ने चौबीस घंटे सभी प्रकार की परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। हालांकि ऐसी परिस्थितियों में सभी नागरिकों को स्वयं बचाव के अलावा कोई और उपचार कारगर नही है। 

Friday, March 13, 2020

जीवन का रहस्य क्या है? मैं कौन हूँ ? यहाँ क्यों आया हूं ? इस विश्व सत्ता के बारे में यहाँ कौन जानता है ?


जीवन का रहस्य क्या है? मैं कौन हूँ ? यहाँ क्यों आया हूं ? इस विश्व सत्ता के बारे में यहाँ कौन जानता है ? 
    आज सदियों से भारत देश में यदि सबसे बड़ी और जटिल समस्या जो कि इसकी अब  कोई जरूरत फिलहाल आमतौर पर नही हैं। वह है धर्म और ज्ञान। आज हमारा धर्म और ज्ञान बाकी सभी धर्मो से बड़ा है। और इसकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। इसी मकसद से आज सदियों से बड़ी गहरे तल से खून खराबे हिंसा आग जनी हत्याए हो रही हैं। हिंदू मुस्लिम शिख ईसाई पारसी जैन वगैरह आज सभी लड़ रहे हैं। आइये इस परम रहस्य के बारे में कुछ समझने की कोशिश करते हैं। और याद रहे जब आप यह पढ़ रहे है शायद आपको ऐसा ही लगेगा कि यह सिर्फ आपके लिए है। वह भी सही है कि इसलिए कि जो मेरे भीतर से लिखवा रहा है वही आपके भीतर सुन रहा है।यह सिर्फ मानव जाति के लिए है । आज के सभी तथाकथित धार्मिक गुरूओं से यह कुछ सवाल अपने भीतर अपने आप से पूछना जरूरी है। कि इस विश्व सत्ता के बारे में क्या जानते हैं? यह श्वास क्यों चलती है ? और रुक क्यों जाती है ? क्या जानते है कि यह धरती पेड़ पौधे वृक्ष नदी पहाड़ बादल वरसात गर्मी सर्दी क्यों है। दिल की धडकनों के बारे में क्या जानते है? क्या है यह जीवन? क्यो हो जाती है मृत्यु ? आप बड़े कैसे और बृद्ध क्यों हो जाते हो ? क्या है इस जीवन का रहष्य ? इन करोड़ों योनियों का रहस्य क्या है ? अचानक बीमारी आने का रहस्य क्या है? ऐसे लाखो करोड़ों सवाल है जिनके बारे में जानना अलग वह स्वयं के बारे में क्या जानते हैं ? आज जितनी लड़ाई ए तथाकथित धर्म गुरूओं ने करवाई है । इनके अलावा इतनी और किसी वजह से नही हुई। और हद तब हो जाती है कि यह सभी अपने अलावा और किसी भी धर्म को मानने को तैयार भी नही हैं। और हालत इतनी बिगड़ चुकी है कि अब एक एक धर्म करोड़ो करोड़ो टुकड़े हो रहे हैं। दुनिया में करीबन 300 धर्म और उनके हजारों संप्रदाय हो चुके हैं। और प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। और यह सभी अपने स्वयं के बारे में तो जानते नही । औरो को भी मौक्ष स्वर्ग जन्नत के बारे में ईश्वर के बारे में सबसे ज्यादा बताते नही थकते। कैसा अद्भूत ज्ञान है। हवा पानी के बारे में कुछ जानते नहीं ब्रह्मांड की बाते करते हैं। और आज के इन तथाकथित धर्म गुरुओं की हालात इनकी सत्यता के बारे में लिखने का कोई शब्द भी नही है। परमात्मा की बाते और खुद को परमात्मा बताने वाले लगभग सभी एक ही जगह देखे जा रहे हैं। 
आज तक जिसकी खोज की जा रही है ।परंतु हम उसे प्राप्त नही कर पाये। शायद कहीं कुछ चूक हो रही है। हम उसे धर्मों में किताबो में चांद सितारों में धार्मिक स्थलों में कहां कहां ढूढ़ रहे हैं। और मृग मरीचिका की तरह ऐसा प्रतीत होता है कि अब मिल ही जायेगा। और कुछ समय के अंतराल पर लगता है कि हमारे पास नही है। परंतु हम जिन्हें मिला है यदि उनकी बात माने कि कहीं जाने की जरूरत ही नही । वह आपके अंदर ही वह विद्यमान है। आपको पहले यह तो जानो कि खोया कब ? और यह किसी के पास सवाल नही है। कि कब खोया? कहां खोया? और अब किसे ढूंढ़ रहे हो? और हम सभी सदियों से ढूंढ़ रहे हैं। और अब जब कि हमारे पास कोई पता नही है।न ही यह मालुम है कि जिसे ढूंढने निकले हैं यदि हमे मिल भी जाये हम पहचान कैसे पाये पायेंगे। फिर भी यदि हम सदियों से जन्मो जन्म से ढूंढते रहे फिर शायद यह बेवकूफी होगी। आइये हम सभी जिन्हें मिला है उस रास्ते पर चलकर देखे। भगवान बुद्ध महावीर कृष्ण जीसस मीरा सहजो सूरदास  आदि सभी हमें एक ही तरफ इशारा कर रहे हैं। वह अपने ही भीतर जाने का संकेत दे रहे हैं। और कबीर रहीम तुलसी भी उसे संगीत से पिरोया है। आइये इस रास्ते की दिशा में विचार कर देखे।कुछ कदम चले । आइये आपका स्वागत है। 
 कहीं भी कभी भी आपको कुछ बाधा मिले अथवा  ऐसा लगे कि आप को मेरी जरूरत है। अवश्य संपर्क करें।
करिश्मा नैसर्गिक चिकित्सा केंद्र
अलका पुरी सोसाइटी विजलपोर नवसारी 
संपर्क सूत्र 
9898630756 / 9227850786  /9328014099

Sunday, March 8, 2020

नवसारी जिले में शिक्षा के नाम पर भ्रष्टाचार और डकैती...! जवाबदेही किसकी..?

विकास का आधार शिक्षा विभाग निम्न स्तर पर ..? समृद्ध उत्थान के नाम पर राजनीति..?
गुजरात की संस्कारी नगरी नवसारी जिले में आज आधुनिक वैज्ञानिक युग की 21वीं शताब्दी में भी शिक्षा के नाम पर व्यापक  व्यापार की खबरे वर्षो से चल रही हैं। किसी भी राज्य अथवा देश का विकास आधुनिक शिक्षा के बिना असंभव है। आज के इस बढ़ती महगाई भ्रष्टाचार मंदी बेरोजगारी को कम करना आधुनिक टेक्निकल शिक्षा के वगर सोचना भी शायद एक जुमला है। आज दुनिया के इतिहास को यदि देखा जाय तो वही देश आगे है जहाँ की शिक्षा संस्कृति में बदलाव और आधुनिक किया गया। साथ ही सभी विकसित देश आधुनिक टेक्निकल शिक्षा को मातृभाषा में ही विकास कर पाये हैं। किसी अन्य देश की भाषा को किसी भी देश ने विकास का माध्यम नही माना। परन्तु आज भारत सबसे गिरे हुए पायदान पर पहुंच कर भी किसी अन्य भाषा को अपनाने में अभी भी कोई कसर बाकी नही रख रहा है। उसके प्रमुख कारण विद्वानों के मतानुसार राजनीति में ही शिक्षा का अभाव है। आज राजनीति में शिक्षा अनिवार्य होने के बदले शिक्षा में राजनीति की जा रही है। शिक्षको को राजनीतिक कामों से दूर करने के बजाय हर जिले में हजारों शिक्षकों को लगभग पूरे वर्ष भर राजनीति से जोड़कर रखा जाता है। 50000/- रूपये महीने वेतन देकर 10000/-रूपये का काम करवाने की  व्यवस्था का हिसाब किस इकोनॉमी का हिस्सा है।यह समझना मुश्किल ही नही असंभव भी है। ठीक इसी तर्ज पर सभी प्राथमिक विद्यालयो में एक मुख्य आचार्य के पास एक सामान्य कलर्क का काम लेना भी किसी बेवकूफी से कम नही है। नवसारी जिले में आधुनिक कोम्पयुटर शिक्षा अनिवार्य होने के बावजूद भी कहीं दूर दूर तक नामोनिशान नही है। ज्यादातर विद्यालयो में कोम्पयुटर सरकार ने मुहैय्या करवाने के बावजूद भी कायदेसर पढ़े लिखे कोम्पयुटर शिक्षक ही नही हैं। नवसारी जिले में ग्रामीण क्षेत्रो में और लगभग शहरों के विद्यालयो में शिक्षा के समय में भी अधिकांशतः शिक्षक बाहर ही रखड़ते देखे जाते हैं। और समयसर शिक्षक विद्यालय में पहुंचना शायद गुनाह समझते हैं। हालत यहां तक बिगड़ चुकी है कि ज्यादातर विद्यालयो में साफ सफाई भी बच्चों के पास ही करवाई जाती है। नवसारी जिले के पूर्व जिला विकास अधिकारी श्री सुनील पटेल ने एक सूचना के अधिकार में स्पष्ट हुक्म दिया था कि बच्चों से साफ सफाई नही करवाई जाती। और यहाँ स्वच्छ भारत अभियान का गलत अर्थ निकाल रहे हैं। अधिकारी जिन्हें चल रही खबरो के अनुसार आरक्षण की मजबूरी में सरकार को भर्ती करना पड़ा ऐसे अधिकारी इस अभियान में भ्रष्टाचार की भी सफाई भी सामिल है। सफाई की भाषा का अर्थघटन में सिर्फ़ नाबालिक और छोटे छोटे बच्चों को जोड़कर सिर्फ़ सफाई करवा रहे हैं। जबकि यह बालमजदूरी के तहद गुनाह है। भारत की राजधानी दिल्ली में एक सभा के दौरान स्कूली छात्रों से पानी पिलाने पर वहाँ के जिला शिक्षा अधिकारी को मीडिया में चल रही खबरो के बाद उसी दिन सस्पेंड कर दिया गया था।और इन सभी बारदातो से परिणाम यह हुआ कि गरीब आदिवासियों दलितों आर्थिक पिछड़े गरीब किसानों के सिवाय सभी अपने बच्चों को सरकारी विद्यालयो से दूर कर दिये । और आज अनिवार्य शिक्षा में एक व्यापक व्यापार शुरू हो गया है। और सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरो के अनुसार नवसारी जिले में सामान्य से लेकर सर्वोच्च तक के अधिकारी शिक्षा में विकास की जगह वर्षों से अपने विकास और टीआरपी जाल में फस चुके हैं। नवसारी जिले की शिक्षा प्रणाली बद से बदतर होती जा रही है। नवसारी जिलें मे ऐसी भी खबरें आई है कि अब सरकार की जगह गरीबी शिक्षा अधिकारी दूर करेंगे। इसलिए कायदेसर एक संस्था की रचना की गई है । जानकारों की माने तो गुजरात वर्तणुक नियम 1971 के अनुसार इसे गैरकायदेसर और गुनाह की प्रवृत्ति से जोड़ना अतिशयोक्ति नही होगी। और वेसे 
भी नवसारी जिले में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 ,आरसीपीएस 2013, लघुत्तम मासिक वेतन 1948 ,शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 , बाल मजुरी जैसे अति आवश्यक महत्वपूर्ण नियम शिक्षा विभाग में वर्षो से आखिरी श्वास लेने के कगार पर है। नवसारी जिला विकास अधिकारी के सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के प्रथम अपील में दिये गये हुक्म को आज सात महीने बीत जाने के बाद तक पालन न करना एक जिंदा मिशाल है। और आज नवसारी जिले में एक नये रोजगार का जन्म शिक्षा के क्षेत्र में हो रहा है। और देखने वाली बात यह है कि इसका संमान भी हो रहा है। वाकायदा गली गली  जाकर स्कूली बच्चों ने पस्ती को भी घर घर जाकर मांगा है। अभी तक जो काम सरकार नही कर पायी । अब यहाँ के शिक्षा अधिकारी करेंगे। इतिहास गवाह है कि शिक्षा उत्थान और विकास के मार्ग के लिए ही है। यहाँ विद्वानों के मतानुसार भविष्य में रोजगार यदि न मिले तब घर घर जाकर इसे भी रोजगार से जोड़ कर देखा  जा सकता है।
 सरकार को जल्द ही इसमें बदलाव लाने की जरूरत है। सूत्रों के हवाले से मिली खबरो के अनुसार सूरत जिले में तक्षशिला कांड में कुछ निकृष्ट अधिकारियो के भ्रष्टाचार ने बालको की आहुति लेने के बाद सरकार एक्शन में आयी और सभी ट्यूसन क्लास की जांच करने और बंद करने के लिये एक फरमान जारी किया। और नवसारी जिले में तत्काल जांच में लगभग  सभी  ट्यूशन क्लास  अवैध पाये गये। और नवसारी जिले में सभी उसी वक्त सील कर दिये गये। उसके पश्चात सभी अवैध ट्यूसन क्लास बिना किसी फेरबदल के एक एक कर अपने आप कायदे कानून के मुताबिक हो गये। रातो रात चमत्कार होना अभी तक किसी के समझ में नही आया। जब कि किसी भी ट्यूसन क्लास के पास कोई रजिस्ट्रेशन तक नही है। जानकारो की माने तो सरकार के पास भी इन सभी के लिए न ही कोई विभाग है न ही कोई अधिकारी है।फिर आज भी ए सभी वापस बैध कैसे हो गये। और इनकी जांच करने वाले अधिकारी क्या कर रहे हैं? इस समाचार को यहाँ के वहीवटदार अधिकारी गण से लेकर राज्य शिक्षा विभाग  किस रूप में लेते हैं। फिलहाल इस पर सभी पाठकों और विद्वानो  की नजर रहेगी।
सरकार आज करोड़ों रूपये हर साल हर जिले में अलग अलग योजनाओं के तहद सिर्फ शिक्षा विभाग में खर्च कर रही है। जिसकी जानकारी नवसारी जिले में सूचना अधिकार अधिनियम २००५ के माध्यम से कई बार मागी गई। परंतु जमीनी हकीकत में आरक्षण के साथ सेटिंग्स डोट कोम से आये अधिकारी किसी भी कीमत पर सूचना देने को तैयार नही हैं। न देने का कारण अब लगभग सभी अधिकारियों का एक ही पाया जाता है। जिसे यहाँ गुरुओं के संमान में लिखना अतिशयोक्ति होगी। परंतु अब इसे समझना मुश्किल नही है। क्योंकि इसे अब डकैती जैसे समानार्थी शब्दों से ही सटीक पाया जा रहा है। 
आज वर्षों से सरकारी विद्यालयो में भी सरकार की तरफ से ट्रान्सपोटेशन की सुविधा उपलब्ध है। अभी तक फिलहाल इसे लोग चमत्कार के रूप में मान रहे हैं। परंतु इसकी जमीनी सच्चाई क्या है । इसे जानने की एक मुहिम चलाई गयी है। फिलहाल इस समाचार के लिखे जाने तक अभी तक कोई सुराग नही मिला है। और जल्द ही नये भारत की नीव का दावा करने वाले भारत के महामहिम का कार्यालय इस विषय पर अपनी राय रखेंगे। और यह खेल लगभग सभी जिलो में खेला जा रहा है। और इस पर पर्यावरण मानवाधिकार संस्था अपनी दृष्टि टिकाये हुए है। और कायदे की ऐसी की तैसी करनेवाले अधिकारियों का असली चेहरा जल्द ही बेनकाब होगा। 

Friday, March 6, 2020

करिश्मा चेरिटेबल ट्रस्ट का १७वी स्थापना दिवस धूमधाम से संपन्न

गुजरात राज्य की ऐतिहासिक संस्कारी नगरी नवसारी जिले में करिश्मा चेरिटेबल ट्रस्ट की सत्तरहवा स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ। 

Monday, March 2, 2020

गरीबोँ की थाली से सरकारी रोटी में डकैती ! जांच न करेंगे न करवायेगे - RTI

अधिकारियों की देखरेख में हो रहा भ्रष्टाचार ..! जायें तो जायें कहां...?
गरीबोँ की थाली से सरकारी रोटी में डकैती 
जांच न करेंगे न करवायेगे - RTI

नवसारी जिले में अब गरीबोँ की थालियों से सरकार द्वारा दी गई रोटियों में कुछ वर्षो से चोरी हो रही थी। अब जब कि नये नये कायदे कानून के जानकार अधिकारी गण और मैट्रिक पास, परमोटेड, आरक्षण का संगम हुआ है। तभी से सीधी डकैती हो रही है। आरक्षण और परमोशन वाले को कायदे कानून का डर नही है। क्योंकि लंबे अंतराल होने की वजह से सेटिंग डोट कोम के सदस्य बन चुके हैं। और सरकार की नीति एक ही जिले में जीवन भर रहने की परमोशन और आरक्षण की अब बहुत पुरानी हो चुकी है । कम से भ्रष्टाचार के मामले में अब बदलना जरूरी है। और सीधी भरती वाले नवसारी को सिर्फ़ तालीम केन्द्र  समझकर समय पसार कर रहे हैं। अब ए सभी अपने अपने सर्विस रिकॉर्ड को किसी भी प्रकार की जांच करने में होने वाली प्रकृया से बचते नजर आ रहे हैं। सूचना अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी के अनुसार नवसारी जिले में पुरवठा संबंधित लघुत्तम जांंच प्रकृया के दायरे को गुजरात सरकार लगातार सुधार कर रही है। तीन वर्षों के जांच रिकॉर्ड के अनुसार बीस प्रतिशत  कायदे के हिसाब से अभी तक जांच नही हो पायी। और विद्वानों के अनुसार एक भी सरकारी राशन की दुकान अभी तक कायदेसर नियमानुसार जांंच नही हुई। सबसे बड़ा खुलासा चल रही खबरो के अनुसार यह हुआ है कि एक तरफ यह हो रहा है कि सभी अनाज ऊपर से ही प्रति बोरी एक से दो किलो कम दिया जाता है। और सभी को ए सरकार के मुताबिक अनाज दे रहे हैं। फिर भी हर दुकान में अनाज बढ़ कैसे जाता है। और इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि लगभग सभी दुकानों में ब्लेक में बेचा जा रहा है। और सबसे चौकाने वाली खबर यह आ रही है कि अभी तक एक भी दुकान से कम अनाज की फरियाद नही हो रही है। एक बात साफ हो गई कि यह डकैती बहुत बड़े पैमाने पर हो रही है।और इसके साथ यह भी उतना सच है कि इस सरकारी अनाज की डकैती में सभी अधिकारी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रुप से शामिल हैं। और यह भी सभी संबंधित अधिकारियों को जानना जरुरी है कि भले ही इस डकैती में मिलने वाले द्रव्य में सीधे सीधे शामिल नही हों। परंतु भारतीय संबिधान के  भ्रष्टाचार अधिनियम १९८६ के अनुसार सर्वोच्च जांच अथवा सर्वश्रेष्ठ पद पर होने के नाते उन्हे भी एक पक्षकार का पद जरूर मिलता है।
आज कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से गुजरात सरकार बदनाम हो रही है। आज एक बार फिर मोदीजी की याद यहाँ के गरीब आदिवासी किसान दलित शोषित पिछड़े करने पर मजबूर हो गये हैं।   भारतीय परंपरा की टेलीपैथी यदि सचमुच काम करती होगी तब इन गरीबों की थाली से गायब करने वाले डकैतों की खबरे जरूर श्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचेगी । 

गरीबोँ की थाली से सरकारी रोटी में डकैती 
जांच न करेंगे न करवायेगे - RTI

नवसारी जिले में अब गरीबोँ की थालियों से सरकार द्वारा दी गई रोटियों में कुछ वर्षो से चोरी हो रही थी। अब जब कि नये नये कायदे कानून के जानकार अधिकारी गण और मैट्रिक पास, परमोटेड, आरक्षण का संगम हुआ है। तभी से सीधी डकैती हो रही है। आरक्षण और परमोशन वाले को कायदे कानून का डर नही है। क्योंकि लंबे अंतराल होने की वजह से सेटिंग डोट कोम के सदस्य बन चुके हैं। और सरकार की नीति एक ही जिले में जीवन भर रहने की परमोशन और आरक्षण की अब बहुत पुरानी हो चुकी है । कम से भ्रष्टाचार के मामले में अब बदलना जरूरी है। और सीधी भरती वाले नवसारी को सिर्फ़ तालीम केन्द्र  समझकर समय पसार कर रहे हैं। अब ए सभी अपने अपने सर्विस रिकॉर्ड को किसी भी प्रकार की जांच करने में होने वाली प्रकृया से बचते नजर आ रहे हैं। सूचना अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी के अनुसार नवसारी जिले में पुरवठा संबंधित लघुत्तम जांंच प्रकृया के दायरे को गुजरात सरकार लगातार सुधार कर रही है। तीन वर्षों के जांच रिकॉर्ड के अनुसार बीस प्रतिशत  कायदे के हिसाब से अभी तक जांच नही हो पायी। और विद्वानों के अनुसार एक भी सरकारी राशन की दुकान अभी तक कायदेसर नियमानुसार नही हुई। सबसे बड़ा खुलासा चल रही खबरो के अनुसार यह हुआ है कि एक तरफ यह हो रहा है कि सभी अनाज ऊपर से ही प्रति बोरी एक से दो किलो कम दिया जाता है। और सभी को ए सरकार के मुताबिक अनाज दे रहे हैं। फिर भी हर दुकान में अनाज बढ़ कैसे जाता है। और इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि लगभग सभी दुकानों में ब्लेक में बेचा जा रहा है। और सबसे चौकाने वाली खबर यह आ रही है कि अभी तक एक भी दुकान से कम अनाज की फरियाद नही हो रही है। एक बात साफ हो गई कि यह डकैती बहुत बड़े पैमाने पर हो रही है।और इसके साथ यह भी उतना सच है कि इस सरकारी अनाज की डकैती में सभी अधिकारी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रुप से शामिल हैं। और यह भी सभी संबंधित अधिकारियों को जानना जरुरी है कि भले ही इस डकैती में मिलने वाले द्रव्य में सीधे सीधे शामिल नही हों। परंतु भारतीय संबिधान के  भ्रष्टाचार अधिनियम १९८६ के अनुसार सर्वोच्च जांच अथवा सर्वश्रेष्ठ पद पर होने के नाते उन्हे भी एक पक्षकार का पद जरूर मिलता है।