गरीबोँ की थाली से सरकारी रोटी में डकैती
जांच न करेंगे न करवायेगे - RTI
नवसारी जिले में अब गरीबोँ की थालियों से सरकार द्वारा दी गई रोटियों में कुछ वर्षो से चोरी हो रही थी। अब जब कि नये नये कायदे कानून के जानकार अधिकारी गण और मैट्रिक पास, परमोटेड, आरक्षण का संगम हुआ है। तभी से सीधी डकैती हो रही है। आरक्षण और परमोशन वाले को कायदे कानून का डर नही है। क्योंकि लंबे अंतराल होने की वजह से सेटिंग डोट कोम के सदस्य बन चुके हैं। और सरकार की नीति एक ही जिले में जीवन भर रहने की परमोशन और आरक्षण की अब बहुत पुरानी हो चुकी है । कम से भ्रष्टाचार के मामले में अब बदलना जरूरी है। और सीधी भरती वाले नवसारी को सिर्फ़ तालीम केन्द्र समझकर समय पसार कर रहे हैं। अब ए सभी अपने अपने सर्विस रिकॉर्ड को किसी भी प्रकार की जांच करने में होने वाली प्रकृया से बचते नजर आ रहे हैं। सूचना अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी के अनुसार नवसारी जिले में पुरवठा संबंधित लघुत्तम जांंच प्रकृया के दायरे को गुजरात सरकार लगातार सुधार कर रही है। तीन वर्षों के जांच रिकॉर्ड के अनुसार बीस प्रतिशत कायदे के हिसाब से अभी तक जांच नही हो पायी। और विद्वानों के अनुसार एक भी सरकारी राशन की दुकान अभी तक कायदेसर नियमानुसार नही हुई। सबसे बड़ा खुलासा चल रही खबरो के अनुसार यह हुआ है कि एक तरफ यह हो रहा है कि सभी अनाज ऊपर से ही प्रति बोरी एक से दो किलो कम दिया जाता है। और सभी को ए सरकार के मुताबिक अनाज दे रहे हैं। फिर भी हर दुकान में अनाज बढ़ कैसे जाता है। और इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि लगभग सभी दुकानों में ब्लेक में बेचा जा रहा है। और सबसे चौकाने वाली खबर यह आ रही है कि अभी तक एक भी दुकान से कम अनाज की फरियाद नही हो रही है। एक बात साफ हो गई कि यह डकैती बहुत बड़े पैमाने पर हो रही है।और इसके साथ यह भी उतना सच है कि इस सरकारी अनाज की डकैती में सभी अधिकारी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रुप से शामिल हैं। और यह भी सभी संबंधित अधिकारियों को जानना जरुरी है कि भले ही इस डकैती में मिलने वाले द्रव्य में सीधे सीधे शामिल नही हों। परंतु भारतीय संबिधान के भ्रष्टाचार अधिनियम १९८६ के अनुसार सर्वोच्च जांच अथवा सर्वश्रेष्ठ पद पर होने के नाते उन्हे भी एक पक्षकार का पद जरूर मिलता है।
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