Naturopathy Treatment

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Ayurvedic Treatments

Wednesday, October 26, 2022

નવસારી જિલ્લામાં આયુર્વેદ નૈસર્ગિક ઉપચાર અતિ આધુનિક વૈજ્ઞાનિક ટેકનોલોજી સાથે ભવ્ય શરૂઆત



નવસારી જિલ્લામાં આયુર્વેદ નૈસર્ગિક ઉપચાર અતિ આધુનિક વૈજ્ઞાનિક ટેકનોલોજી સાથે ભવ્ય શરૂઆત

નવસારી જિલ્લામાં આયુર્વેદ નૈસર્ગિક ઈલેક્ટ્રોપૈથી એક સાથે ભવ્ય શરૂઆત
આજે કોરોના મહામારી અંતે દેશના મોટા ભાગના રોજી રોજગાર બંધ થવા થી નાગરિકો ત્રાહિમામ પોકારી ઉઠ્યા છે. અને દર રોજ જીવન જરૂરિયાતની વસ્તુઓ મોંઘી થવા થી હાલત બદ થી બદતર થવા પામી છે. આજે મોટા ભાગના હવા, પાણી, ખોરાક દૂષિત છે. પીવા લાયક ચોખ્ખુ પાણી ઉપલબ્ધ નથી. અને બાઝાર કે મશીન દ્વારા જે પાણીના ઉપયોગ કરવામાં આવી રહ્યો છે એ આપણા શરીર માટે સારૂ નથી. કારણ કે એમાં થી મશીન દ્વારા સાફ કરતી વખતે મોટાભાગના ખૂબ જ જરૂરી તત્વો બહાર નીકળી જાય છે. જેથી એ એસીડિક પાણી આપણા શરીર માં લાંબા સમયે નુકસાન દાયક સાબિત થાય છે. પશ્ચિમી સભ્યતાનો ખોરાક આપણા દેશના હવામાન મુજબ તદ્દન હલકો હોય છે. જે આપણા શરીર માટે ખૂબ જ કમજોર સાબિત થાય છે. શહેરો માં રહેનાર નાગરિકોને શુદ્ધ હવા પણ આજે ઉપલબ્ધ નથી. અને આજે મોટા ભાગના નાગરિકો સૂર્ય થી વંચિત રહે છે અથવા જરુર મુજબ સૂર્યની ગર્મીનો ઉપયોગ કરતા નથી. આપણી શરીર પાંચ તત્વો થી ઘડવામાં આવેલ છે. અને આપણે એ પાંચ તત્વોનો ઉપયોગ કરવામાં હંમેશા કર કસર રાખતા હોય છે. સૂર્ય આપણી શરીર માં પ્રમુખ ભાગ પાચન માટે ભજવે છે. એના થી જેમ જેમ આપણે દૂર થતા ગયા તેમ તેમ નવી નવી બીમારીઓના શિકાર બનતા ગયા . એક પણ મનુષ્ય મળવો મુશ્કેલ છે જેની શરીર માં કોઈ ન કોઈ બીમારી ન હોય . આધુનિક પૈથી એલોપૈથી માં દવા સારવાર અને તપાસ માં થતો ખર્ચ અને અંતે એ સારવાર થી મળતો ફાયદો કોઈ પણ સંજોગોમાં ને પોષાય એમ નથી. એક બીમારી દૂર થાય એ પહેલા એ દવાઓ કે સારવાર ની પદ્ધતિ માં જ અનેકો બીમારી પહેલા જ જન્મ લે છે. સામાન્ય થી અસાધ્ય માં અસાધ્ય રોગોના સચોટ સારવાર માટે આયુર્વેદ નૈસર્ગિક ઉપચાર સાથે ઈલેક્ટ્રોપૈથી એના માત્ર એક વિકલ્પ છે. �

Monday, October 24, 2022

पंचायती राज में ग्राम पंचायत तालुका पंचायत जिला पंचायत लेखा जोखा संवत 1978 एक इतिहास

पंचायती राज का इतिहास सबसे बड़ा है। सबसे अधिक आबादी आज गांवों में बसती है। गांवों में रहने वाले सभी नागरिकों की शिक्षा सुरक्षा स्वास्थ्य रोजगारी की जरूरत पंचायत द्वारा पूरा किया जाता है। देश में किसानों की भूमिका सर्वोच्च सर्वश्रेष्ठ है। मानव जीवन में भोजन की सर्वश्रेष्ठ भूमिका है। भोजन के विना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। और यह भोजन के निर्माण में सबसे अधिक भूमिका अन्नदाता किसान आज भी गांवों में रहते हैं। बेरोजगारों की अधिकतम संख्या भी आज गांवों में निवास करती हैं। और किसानों की हालत आज दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। परिणाम स्वरूप आज अधिकतर किसान खेती छोड़ने पर विबस नजर आ रहे हैं। खेती आज घाटे का व्यापार बनते जा रही है। सरकार रात दिन किसानों के लिए नई नई योजनाएं बना रही है। परंतु जमीनी हकीकत में ए सारी योजनाएं कहां गायब हो जाती है समझना मुश्किल है। इसकी बिबेचना जमीनी स्तर पर होना चाहिए। अन्यथा हालत गंभीर होने पर इसके कई दुष्परिणाम होने के आसार हैं। गुजरात राज्य सरकार की योजनाओ में कोई कमी न होने के बावजूद हालत दयनीय स्थिति में जाना अपने आप एक सवालिया निशान लगा रहा है। सूचना अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक सरकार करोड़ों अरबों रुपए हर महीने खर्च करती है। परंतु हकीकत में इसका एक बहुत बड़ा हिस्सा आज भ्रष्टाचार के हवाले चला जाता है। और जांच के नाम पर सिर्फ और सिर्फ पत्राचार और अरजदारो को मिल रही है सिर्फ तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख। उदाहरण स्वरुप ग्राम पंचायत में एक लेखपाल तलाटी और ग्राम प्रधान सरपंच जिसके पास न ही कोई विशेष योग्यता होती है और न ही कोई अनुभव। और उसके ऊपर तालुका विकास अधिकारी से लेकर जिला विकास अधिकारी की भूमिका में लगभग सभी शिक्षित के साथ अनुभवी अधिकारी होते हैं। परंतु अक्सर ए फाइलों और बिन जरुरी अवैध एरकंडीशन से बाहर नहीं देखे जाते। जैसे आज गांवों कस्बों में बहुत तीव्र गति से रुपान्तरित हो रहे हैं। और इन सभी की जवाबदेही पंचायत की होती है। लेखपाल तलाटी के पास इंजीनियर की योग्यता होती नहीं सरपंच ग्राम प्रधान को जरूरत नहीं होती। अब ऐसे सभी कस्बे आज राम भरोसे विकास कर रहे हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार अधिकतर तालुका विकास अधिकारी बीडीओ परमोटेड होते हैं। जिससे कायदे कानून की बजाय उन्हें भी उनके उच्च स्तरीय अधिकारियों एवम नेताओं की परिक्रमा लगाना पाया गया। गांवो से लकर जिले तक यहां भी बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाता है। परंतु जाच करना कायदे कानून के मुताबिक काम होना ऐसे सभी कानून लगभग आखिरी श्वास लेने पर मजबूर पाये गये। आरटीआई का कानून हो या सेवा का अधिकार, लघुत्तम मासिक वेतन धारा 1948 हो अथवा कर्मचारी राज्य बीमा निगम अधिनियम आदि जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकार कानून सिर्फ एक जुमला नजर आ रही है। जिले से लेकर राज्य कचेहरी तक कायदा कानून आज भी यहां कैद नजर आ रहा है। और सबसे अधिक भूमिका निभाने वाले यहां सर्वोच्च अधिकारी भी अक्सर टाइम पास करते नजर आते हैं। वैसे भी जिला विकास अधिकारी का पद सिर्फ कलेक्टर तक पहुंच जाने के लिए एक सीढ़ी की अंतिम छोर माना जाता है। और अंत भला तो सब भला मानकर यहां अधिकारी भी कायदे कानून की दिन दहाड़े बेइज्जती करने में अपनी भलाई और पहचान समझते हैं। जिले में प्राथमिक शिक्षा भी इसी पंचायती राज में शामिल है। आबादी जनसंख्या आज प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। और शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षा की हालत आज दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। अधिकतर इमारतें जर्जरित हो चुकी है। और शिक्षा मानव जीवन में सर्वश्रेष्ठ सर्वोच्च स्थान रखता है। और गुजरात में अधिकतर शिक्षकों के पास सिर्फ चुनावी प्रक्रिया में शामिल किया गया है। जबकि कानूनन शिक्षा के सिवाय अन्य किसी भी कामों को न करने के अनेकों प्रावधान है। परंतु सत्ता के सामने यहां भी कानून बेसहारा अनाथ मजबूर दिखाई दे रहा है। इसी विभाग के हवाले स्वास्थ्य विभाग भी कार्यरत है। और सरकार सभी जिलों में गांव से लेकर जिले तक स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपए खर्च करती है। परंतु जब शासन में शिक्षा का कोई स्थान नहीं है फिर प्रशासन इसका भरपूर फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ सकता। गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत गंभीर बनी हुई है। जिसे न कोई देखने वाला है न ही इनकी कोई फरियाद सुनने वाला है। सामान्य बीमारियों के लिए जिले में दर्दियो की  लंबी लंबी लाइन खुद ब खुद इसकी जिंदा मिसाल है। छोटे छोटे शिशुओं की जवाबदेही भी इसी पंचायती राज के हवाले सरकार दे चुकी है जहां कायदे कानून की कोई जगह नहीं है। लाखों रुपए वेतनधारी भी सीधा इस प्रकार से जवाब देते हैं जैसे उन्हें कायदे कानून का न ही कोई डर है न ही चिंता। नवसारी सूरत वलसाड तापी जिले में मिली जानकारी के अनुसार हालत गंभीर और दयनीय बनी हुई है। सरकार इन सभी विभागों में जांच हेतु जिले स्तर एक सतर्कता आयोग बनाना चाहिए। सतर्कता आयोग की जिला कमेटी आज तक सिर्फ फाइलों से  बाहर नहीं देखी गई। सरकार तत्काल विचार करे । अन्यथा सुधार विकास समृद्धि पारदर्शिता सिर्फ एक जुमला ही बनी रहेगी।   फिल हाल  समय परिवर्तन संसार का नियम है। और आज भी यहां अधिकतर काम राम भरोसे ही चल रहा है। 

नवसारी जिला औद्योगिक स्वास्थ्य विभाग का पर्दाफाश - RTI

नवसारी जिला ओद्योगिक स्वास्थ्य विभाग कार्यालय का पर्दाफाश -RTI 



गुजरात राज्य में सर्वांगीण विकास समृद्धि की मूल जड़ औद्योगिक क्षेत्र है। उद्योग के बिना किसी भी राज्य का विकास अधूरा है। वर्ष १९९२ में सरकार द्वारा सभी बड़े बड़े उद्योगपतियों के ऊपर नये नये कानून लगाया साथ ही साथ छोटे छोटे उद्योगों को सबसे अधिक प्रोत्साहन दिया। परिणाम स्वरूप देश से निर्यात पर काफी प्रभाव पड़ा। छोटे छोटे उद्योगों की फेक्ट्री की क्वालिटी प्रोडक्शन बेहतरीन होने के लिए नई आधुनिक वैज्ञानिक टेक्नोलॉजी में कमजोर पाये गये और कानून की जबरदस्त पकड़ से बड़ी बड़ी मीलों की हालत बिगड़ती गई। बेहतरीन क्वालिटी प्रोडक्शन के साथ देश पिछड़े दर्जे पर आ गया। लगभग सभी मीलों की हालत गंभीर होती गई। और आज मफतलाल टाटा  जैसी बड़ी बड़ी कंपनियों की हालत बिगड़ी और बहुत सारे युनिट बंद हो गई। आज भी छोटे छोटे उद्योगों की हालत कुछ ज्यादा ठीक नहीं है। इन सभी छोटी बड़ी कंपनियों में काम कर रहे मजदूरों कर्मचारियों की देखभाल करने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर लगभग सभी जिलों में एक अच्छी फौज तैनात मुकर्रर किया है। 

नवसारी जिला औद्योगिक स्वास्थ्य विभाग में सूचना अधिकार अधिनियम से पता चला है कि यहां सिर्फ और सिर्फ अधिकारी गण सभी काम फाइलों में ही अक्सर किया करते हैं। जमीन पर जाकर फैक्ट्रीयों में जांच करना यहां गुनाह समझा जाता है। सूचना का अधिकार अधिनियम २००५ हो या लघुत्तम मासिक वेतन धारा १९४८ , कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम १९४८ हो या सेवा का अधिकार अधिनियम २०१३ यहां मुख्य अधिकारी श्री को पता नहीं है। और सरकार है कि ऐसे अधिकारियों के साथ सर्वांगीण विकास समृद्धि पारदर्शिता का दावा करती है। सरकार में मंत्रीयो को बदलने से पहले ऐसे अधिकारियों को बदलना चाहिए जो सरकार को बदनाम कर रहे हैं।  शायद ऐसे अधिकारियों को पता नहीं है कि गुजरात सरकार के पास नोट छापने वाली मशीन नहीं है।उनको यह राजाशाही वेतन और सुविधाएं इन्ही आदिवासियों मजूरों दलितों आर्थिक पिछड़े वंचित शोषित पीड़ित के रात दिन मेहनत मशक्कत की खून पसीने की कमाई का है। नवसारी जिला हो वलसाड ,सूरत हो या तापी आते दिन बहुमंजिला निर्माणाधीन इमारतों से गिरकर नागरिकों की मौत का समाचार अक्सर सुनने को मिलता है। ऐसी सभी मौतों की जवाबदेही सिर्फ और सिर्फ इसी विभाग की होती है। क्योंकि सेफ्टी और स्वास्थ्य की देखभाल इन्हीं आरक्षण सेटिंग डोंट कोम से नियुक्त अधिकारियों की होती है। और आर टी आई से मिली जानकारी के अनुसार इस विभाग के अधिकारियों को पहले से ही सभी पता होता है। और सदर विभाग के अधिकारी जाते भी हैं परन्तु क्यों नहीं जांच करते इसे लिखना असंभव भले हो परन्तु समझना मुश्किल नहीं है। नवसारी जिले में ऐसी अनेकों घटनाएं हुई जिसमें बेगुनाह मजूर मारे गए। जांच पर पता चला कि इन बहुमंजिला निर्माणाधीन इमारतों में सुरक्षा के कोई साधन उपलब्ध नहीं थे। और इसका पूरा फायदा यहां भवन निर्माता और अधिकारी मिलजुल कर उठाते हैं।  हालांकि ऐसे अधिकारियों को दोषी मानकर मौत का मुकदमा दर्ज कर केस चलाने की अर्जी भी दिए जाने की चर्चा है। सरकार ऐसे अधिकारियों से कब तक बदनाम होती रहेगी यह समय चक्र के अधीन है।
गुजरात राज्य में विकास समृद्धि पारदर्शिता की सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक कार्यालय का पता भी इन्हीं अधिकारियों के सिवा लगभग किसी भी मजदूर कर्मचारी को नहीं है। सभी छोटे बड़े फेक्ट्री बहुमंजिला इमारतों जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर इस कंपनी का प्रचार प्रसार हेतु एक बोर्ड भी नहीं है। 

Saturday, October 22, 2022

ध्यान एक आनंदमय जीवन खुशी का कवच

खुशी का कवच

पहला चरण:
आप आनंदमय जीवन को प्राप्त करना चाहते हैं जिसमें सबसे पहले खुश रहने की कला जीवन में सर्वश्रेष्ठ सर्वोच्च है। आनंद मय जीवन में खुशी पहली सीढ़ी है। उसके जाने वगर हम कुछ नहीं कर सकते हैं।
पहले सात दिन तक पहला चरण: बिस्तर पर लेटकर या बैठकर, बत्ती बुझाओ और अंधेरे में रहो। 
सबसे पहले किसी सुंदर क्षण का स्मरण करो जिसे आपने अतीत में अनुभव किया हो -- कोई भी सुंदर क्षण, उनमें से सर्वोत्तम क्षण चुनो। हो सकता है वह बिलकुल साधारण हो, क्योंकि कभी कभी असाधारण घटनाएं निहायत साधारण तल पर घटती हैं। जैसे 
तुम सिर्फ खाली बैठे हो, कुछ न करते हुए, बारिश छत पर गिर रही है, उसकी खुशबू, उसकी ध्वनि आपके आसपास होती है, और कुछ कौंध सी होती है। तुम पवित्र क्षण में होते हो। या किसी दिन रास्ते पर जाते हुए पेड़ों के पीछे से अचानक तुम्हारे ऊपर सूरज की रोशनी उतरती है…और एक कौंध! कुछ खुल जाता है। पल भर के लिए तुम अलग ही दुनिया में प्रवेश करते हो।
एक बार उस क्षण को चुन लेने के बाद उसे सात दिन तक जारी रखो। अपनी आंखें बंद करो और उसे पुन: जीयो। उसके तफ़सील में जाओ। छत पर बारिश गिर रही है, टप, टप… वह आवाज… वह सुगंध… उस पल की गुणवत्ता…कोई पक्षी गा रह है…कहीं कुत्ता भौंक रहा है…कोई प्लेट गिर गई और उसकी आवाज। इन सभी बारीकियों में जाओ, सभी पहलुओं से, सभी आयामों से, सभी इंद्रियों द्वारा। हर रात तुम पाओगे कि तुम गहरे तफ़सील में उतर रहे हो। ऐसे तफ़सील जिन्हें तुम असली घटना में चूक गए होओगे लेकिन तुम्हारे मन ने उसे मुद्रित किया है। तुम उस पल को भले ही चूक जाओ, तुम्हारा मन उसे दर्ज करता रहता है। तुम्हें ऐसे सूक्ष्म पहलू महसूस होंगे जो तुम्हें पता नहीं थे कि तुमने अनुभव किए थे। जब तुम्हारी चेतना उस पल पर केंद्रित होगी तब वह क्षण पुनश्च उभरेगा। तुम्हें नई बातों का अनुभव होगा। अचानक तुम्हें बोध होगा कि वे वहां पर थीं लेकिन उस पल में तुम उनसे चूक गए थे। लेकिन मन उन सब बातों को दर्ज करता है। वह बेहद भरोसेमंद नौकर है, अत्यधिक सक्षम। 
सातवें दिन तक तुम उसे इतना साफ देख पाओगे कि तुम्हें लगेगा कि तुमने कोई भी असली क्षण इतनी सुस्पष्टता से नहीं देखा है जितना कि इसे।
तीसरा चरण: खुशी का मौसम
सात दिन के बाद वही बात करो लेकिन एक और बात जोड़ो: आठवें दिन अपने आसपास के स्थान को महसूस करो, ऐसा अनुभव करो कि तीन फीट की दूरी तक यह वातास आपको घेरे हुए है, उस बीते क्षण का आभामण्डल अनुभव करो। चौदहवें दिन तक तुम लगभग बिलकुल अलग ही दुनिया में रहोगे बेशक इसका होश भी रहेगा कि इन तीन फीटों के बाहर एक भिन्न समय और भिन्न आयाम मौजूद है।
अंतिम चरण: उस क्षण को जीयो
फिर तीसरे चरण में कुछ और जोड़ना होगा। उस क्षण को जीयो, उससे घिरे रहो, और अब काल्पनिक ऐन्टी स्पेस, विपरीत स्थान निर्मित करो। जैसे मान लो तुम्हें बहुत अच्छा लग रहा है, तीन फीट तक तुम इस खुशहाली से , दिव्यता से घिरे हो , अब ऐसी घटना के बारे में सोचो कि किसी ने तुम्हारा अपमान कर दिया और वह अपमान केवल उस सीमा तक ही आता है। एक बागुड़ है और उसके भीतर अपमान प्रवेश नहीं कर सकता। वह तीर की भांति आता है और वहां गिर पड़ता है। या कोई उदास घटना को याद करो, तुम्हें पीड़ा हुई है लेकिन वह पीड़ा तुम्हारे आसपास के कांच की दीवार तक ही पहुंचती है और वहीं पर गिर जाती है। तुम तक पहुंचती ही नहीं। तुम देखोगे कि यदि पहले दो सप्ताह सही गए हैं तो तीसरे सप्ताह सब कुछ तीन फीट की सीमा तक आता है और तुम्हारे भीतर कुछ भी प्रवेश नहीं करता।
पांचवां चरण : आभामण्डल को सर्वत्र लिये चलो
फिर चौथे सप्ताह से उस आभामण्डल को अपने पास रखो--
बाजार जाते हुए, लोगों से बात करते हुए सतत स्मरण रखो।
तुम बहुत ही रोमांचित हो ओगे। तुम दुनिया में घूमोगे फिरोगे लेकिन तुम्हारी अपनी ही एक दुनिया होगी, तुम्हारी निजी दुनिया, इसे निरंतर ख्याल रखो।
इससे तुम वर्तमान में जी सकोगे क्योंकि वस्तुत: तुम सतत हजारों हजार बातों से प्रभावित हो रहे हो और वे तुम्हारा ध्यान खींच लेते हैं। अगर तुम्हारे आसपास सुरक्षात्मक आभामण्डल नहीं होगा तो तुम कमजोर पड़ जाओगे। कोई कुत्ता भौंकता है, अचानक मन उस दिशा में चला गया। तुम्रारी स्मृति में कुत्ता आ जाता है। अब तुम्हारी स्मृति में अतीत के बहुत से कुत्ते बैठे हुए हैं। तुहारे दोस्त के पास कुत्ता है, अब तुम कुत्ते से हटकर अपने दोस्त के पास चले जाते हो, फिर दोस्त की बहन याद आती है जिसके प्रेम में तुम गिरे थे। अब सारी बकवास शुरू होती है। इस कुत्ते का भौंकना वर्तमान में था लेकिन वह तुम्हें कहीं अतीत में ले गया। यह तुम्हें भविष्य में भी ले जा सकता है, कुछ कहा नहीं जा सकता। कोई भी चीज कहीं भी ले जा सकती है। मामला बहुत जटिल है।
इसलिए तुम्हें एक आसपास सुरक्षा आभामंडल चाहिए। कुत्ता भौंकता रहे लेकिन तुम अपने आपमें रहो, स्थिर, शांत, मौन, केंद्रित।
छठा चरण : आभामण्डल का त्याग
इस आभामण्डल को कुछ दिन या कुछ महीने तक सम्हालो। जब तुम देखोगे कि अब इसकी जरूरत नहीं है तब इसे छोड़ दो। एक बार तुम जान लो कि यहां और अभी कैसे रहा जाए, एक बार तुम उसकी सुंदरता का आनंद ले लो, उसकी अपरिसीम मस्ती , तो फिर इस आभामण्डल को छोड़ दो।
 
ओशो: बी रिआलिस्टिक, प्लान फॉर ए मिरैकल