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Saturday, February 1, 2020

नवसारी जिले में आपूर्ति विभाग दारू बंदी के तर्ज पर में ! देश में मंदी अधिकारियो की दीवाली ...!

       नवसारी जिले में वांसदा तालुका आपूर्ति विभाग 
                    दारू बंदी के तर्ज पर   !       

   
      गुजरात सेवा वर्तणुंक नियम 1971 लकवा ग्रस्त ! जवाबदार कौन..?
                                        नवसारी जिले में आज वर्षों से गुजरात सरकार चंद अधिकारियों की सामान्य जरूरतो को पूरा करने की वजह से बदनाम हो रही है। सरकार के बड़े अधिकारी पदाधिकारी अपनी एड़ी चोटी की जोर लगा चुके । नियम कायदे कानून के साथ फंड की बढ़ोतरी कर कर कुछ भी फायदे होने के बजाय हालत बद से बदतर नजर आ रही है। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भी भ्रष्टाचार की चरम सीमा जैसे सत्य को स्वीकार कर चुके हैं। एक सभा के संबोधन में भ्रष्टाचार सीमा पार होने की बात तक कर डाली। शायद यह एक ऐतिहासिक चर्चा होगी कि एक विकसित समृद्ध राज्य के मुख्यमंत्री अपने राज्य के अपने ही भ्रष्ट अधिकारियों के कामो से तंग आ चुके हो।  आज भ्रष्टाचार अपने चरमसीमा को भी पार कर चुका है। आज एसीबी की जितनी सराहना की जाय कम होगी। विद्वानों के मतानुसार सरकार को एसीबी में कम से कम दस गुना बढ़ाने की जरूरत है। और जिले ही नही अपितु अब शहेर और तालुका के क्षेत्रों में एक एक कार्यालय की जरूरत समझी जा रही है। अब एक ही विकल्प बाकी है । और इसके बारे में जल्द ही सरकार को बिचार करना चाहिए। क्योंकि गुजरात सरकार  की एसीबी के कामकाज और खबरे मार्केट में धूम मचा रही हैं।
                           नवसारी जिले में आज वासदा तालुका पुरवठा विभाग को अधिकारियो ने गुजरात में दारू बंदी के तर्ज पर चला  रहे   है। सरकारी अधिकारी ही सरकार के नियमो की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। और सरकार आज  दिन दहाड़े गरीबो के अनाज पर डकैती को रोकने में असमर्थ है। एक सामान्य आदमी चन्द महीने में अरबों खरबो की संपत्ति का मालिक बन जाता है। दस पास एक सामान्य कलर्क को जब परमोशन के आधार पर अधिकारी बना दिया जाता है। और वह भी अपनी आय से कई गुना संपत्ति का मालिक बन जाता है। समाचार पत्रो में नाम और सबूत दिये जाते हैं। और यदि तब भी सरकारी बड़े अधिकारी कम से कम एसीबी जांच कर सरकारी सेवालयों में सुबिधा अथवा योगी सरकार के तर्ज पर राजीनामा भी न ले पाये। यह बहुत शर्मनाक दुर्भाग्यपूर्ण होगा। 
         गुजरात सरकार के आपुर्ति विभाग ने तारीख 19/02/2016 को सरकारी राशन की दुकानो को जांच करने के लिये एक अधिसूचना जारी की जिसमे कम से कम प्रति मास 18 दुकाने लघुत्तम जांच को अनिवार्य बनाया। जिसमें जिले से तालुका तक में प्रांत अधिकारी मामलतदार के साथ एक आपुर्ति विभाग की रचना की। और करोडो रूपये इन सभी के  देख रेख के लिये  खर्च कर रही है। इस प्रकार सभी अनुभवी अधिकारीयो को सम्मिलित किया । घरेलु एलपीजी गेस एजन्सीयो को कम से कम तीन महीने में एक बार जांच करना जरूरी किया । परंतु यहां नवसारी जिले में गुजरात सरकार के नियमो की दिन दहाणे अधिकारियो ने जुमला बना दिया । नवसारी जिले में लगभग सभी अधिकारियो ने इस कायदे कानून के मामले में पालन न करने में एकता जाहिर किया है। जिसे एक सूचना के अधिकार से खुलासा हुवा है । अब जब कि इसका खुलासा हो चुका है कि यहां सरकार के नियमो की इनके अधिकारी ही मानने को तैयार नही हैं। फिर भ्रष्टाचार को रोकना भी एक दिखावा और जुमला है। गुजरात सरकार इसके उपर कोई कार्यवाही करेगी कि एक नई अधि सूचना जारी करेगी ।


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