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शिव शक्ति -D एक बूंद से श्वसन तंत्र रोगों से मुक्ति
LIFE SAVER DROPS IN HERBAL MEDICINE
आज मानव जीवन नये रहन सहन खान पान की जरूरतों एवम नये नये आधुनिक आरामदेह जीवनशैली से गुजर कर कमजोर हो चुका है। और नई नई बीमारियों का शिकार हो रहा है। सुरक्षा संरक्षण के उपायों में हमारे प्राचीन ऋषियों-मुनियों की खोज बीन से प्राप्त जड़ी बूटी वनस्पतियां आज भी मानव जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। ऐसी ही ऋषि मुनियों की गहन खोज बीन से प्राप्त देशी शुद्ध वनस्पतियों से निर्मित हर्बल जानकारी को आधुनिक पद्धति द्वारा एक महत्वपूर्ण खोज हर्बल दवा लोकरक्षक हेल्थ केयर द्वारा शिवशक्ति - D बनाई गई है।
शिवशक्ति -D के घटकों में अजमासत्व, कपूर, तुलसी, पुदीना,लविंग, नीलगिरी ,मेन्थोल, फूलों के सत्व जैसे मानव शरीर में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाली जड़ी बूटियों को एक विशेष प्रकार से संग्रहित कर बनाया गया है। और हजारों नागरिकों ने इसका उपयोग किया है। यह पूर्ण रूप से किसी भी प्रकार के केमिकल के बिना बनाये जाने की वजह से 100% हर्बल है। और इसके प्रयोग से किसी भी प्रकार की आड़ असर दुष्प्रभाव नहीं है। और इसमें सभी प्रकार की सामान्य से असाध्य में असाध्य बीमारियों एवम सभी पद्धति की दवाओं के साथ भी प्रयोग किया जा सकता है। प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में प्राचीन ऋषियों-मुनियों के समय से इसका उपयोग किया जाता रहा है। एक विशेष पद्धति से निर्मित स्वदेशी दवाओं के एक नियत मात्रा में उपयोग किया जाता है।
शिवशक्ति डी का उपयोग:-
मानव जीवन संरक्षण में विशेष उपयोगी होने की वजह से आज इसका उपयोग महामारी काल से ही नवसारी जिले के अधिकतर शिक्षा विभाग के शिक्षकगण कर रहे हैं। शिव शक्ति डी का प्रयोग ढेर सारी बीमारियों में किया जाता है । परंतु कुछ खास जरूरी बीमारियो में शिवशक्ति डी का प्रयोग कुछ इस तरह से किया जाता है।
श्वास हमारे जीवन में एक विशेष महत्व रखती है। श्वास से ही मानव जीवन की शुरूवात होती है और श्वास न आने अथवा बंद हो जाने से मानव जीवन समाप्त हो जाता है । श्वास को प्राण वायु भी कहा जाता है। प्राण का संचार में श्वास का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। जब तक श्वास चलती रहती है तभी तक हमारा जीवन संभव है। एक आधुनिक सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक से लेकर अति आधुनिक वैज्ञानिक भी अभी तक कई संशोधनो खोजबीन कर रहे हैं परंतु आजतक नाम मात्र भी इसके गुण धर्म को समझने में कोई खास कामयाबी नही मिल पाई है। इसीलिये इसे परमात्मा से ही जोडकर देखा जाता है। हमारे शरीर की पांचो इंद्रिया भी इसके श्वास के बिना क्षण मात्र भी जीवित नही रह पाती हैं। सदियों से सामान्य जन से लेकर हमारे ऋषि मुनि से लेकर वा तक इसके चपेट से बच नही पाये। मानव जीवन के प्रारंभकाल से आज तक लगभग सभी धर्म शाष्त्र इसी श्वास के इर्द गिर्द ही घूम रहे हैं। मानव जीवन में ध्यान का प्रयोग श्वास से शुरूवात होती है। श्वास के बेहतर प्रयोग से मानव जीवन को आनंदमय और स्वास्थ्यमय बनाने के लिये एक बडा ग्रंथ लिखा जा सकता है। मानव जीवन में श्वास को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। शरीर के असाध्य से असाध्य रोगो को श्वास के प्रयोगो से छुटकारा पाया जाता है। जन्म के बाद बच्चा नाभि से श्वास लेता है। परंतु जैसे जैसे बडा होने लगता है उसकी श्वास नाभि के उपर से ही लौट वापस हो जाती है। जिसकी वजह से हमारे आमाशय पेट की सभी बीमारियो की शुरूवात होती है। मानव शरीर में अधिकतर सभी बीमारियां वायरस प्रवेश करने का मुख्य श्रोत श्वास ही है। जिसके लिये आधुनिक वैज्ञानिक आज संरक्षण हेतु मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं। आज प्रदूषण लगभग सभी क्षेत्रो में अपना सर्वाधिक प्रभाव जमा लिया है। आज पानी हवा भोजन ज्यादातर प्रदूषित पाये जाते हैं। इसके लिये सभी राज्य एवम केंद्र सरकारो ने प्रदूषण नियंत्रण विभाग बनाया है जिसका लगभग सभी जिलो में कार्यालय है। इतने सारे ताम झाम के बावजूद भी आज इसको पूर्ण रूप से हम सभी रोक नही पा रहे हैं। परंतु इसे हम कुछ उपायों के द्वारा अवश्य रोक सकते हैं। जिसमे आज प्राकृतिक नैसर्गिक उपाय और वनस्पतियों से निर्मित दवाओ से सबसे अधिक बिना किसी दुष्प्रभाव के किकित्सा ज्यादा कारगर हैंदिखाई देती है। आइये शिवशक्ति डी के कुछ घरेलु आसान प्रयोग के बारे में समझते हैं-
१ हमारे शरीर में किसी भी वायरस में सबसे अधिक हमारे शरीर की श्वसन प्रकृया वाधित होती है। जिसमें आज हजारो नागरिको शिक्षको चिकित्सको नागरिको ने शिवशक्ति डी का प्रयोग कर एक अच्छे परिणाम प्राप्त किया है । जिसमे सबसे पहले शिवशक्ति डी की सिर्फ एक बूंद ही अपनी हथेली में रखकर दोनों हाथों की हथेलियों को एक दूसरे से रगड़कर पानी पीने की मुद्रा बनाकर नाक के नजदीक ले जाकर श्वासोच्छोवास करें। चंद सेकेंड में आपकी पूरी श्वसनतंत्र पूरी तरह से प्रभावित होकर खुल जाती है। और एक आनंदमय महसूस होने लगता है। एक बार के इस प्रकार के प्रयोग से करीबन तीन से छ घंटों तक इसका एहसास बना रहता है।
२. शिवशक्ति D की दो बूंदे सरसो तिल के ३० मिलीलीटर (३ चम्मच) में मिलाकर शरीर के एडी, घुटनो, कमर, पीठ, करोड रज्जु, गर्दन, मस्तक आदि किसी भी प्रकार के दर्द पर हलकी मालिश करें । चंद मिनटो में दर्द में कमी होने लगती है। और यदि घुटने कमर आदि पर मालिस कर नमक की पोटली बनाकर दिन में दो से तीन बार सेकाई करें कुछ ही दिनो में दर्द से छुटकारा मिलने लगता है।
३. बाल गिरने रूषी आदि की तकलीफो में दो बूंद नारियल अथवा आवले के तेल में डालकर हलका गरमकर सिर के अंदर बालो के नीचे सुबह शाम लगायें डेंड्रप की समस्या बाल गिरने की समस्या में काफी आरामदायक लगता है और कुछ दिनो में समस्या से निजात मिलती है ।
४. साइनस की बीमारी, गले में दर्द, सिर का भारीपन, चेहरे पर काले दाग, छाती मे दर्द, श्वास में तकलीफ , छाती में कफ बलगम , दम अस्थमा की तकलीफो में आज आधुनिक चिकित्सा पद्धति में खासकर कोई कामयाबी वर्षो तक नही देखी जाती । परंतु शिवशक्ति डी की तीन बूंदे दो लीटर उबलते पानी में डालकर सुबह शाम नास लेने - एक पानी के बर्तन में उबलते हुए पानी में डालकर एक चादर रूमाल से चेहरे सिर को कुछ समय के लिये ढक दें। दो तीन मिनिट तक इसी क्रम में रहे । कुछ ही दिनो में इस समस्या से बहुत आराम और कुछ महीनो में छुटकारा मिलने लगता है।
५. शिवशक्ति D की एक बूंद को आप चाय अथवा गरम पानी के एक ग्लास में डालकर सुबह शाम पीने से गले की खरास श्वसन प्रकृया में तत्काल आराम लगता है।
६. शिवशक्ति D को लाइफ सेवर जिंदगी बचाने के कई अद्भुत प्रयोग हैं। इसी लिये इसे धरती का जादु भी कहा जाता है। मास्क लगाने अथवा मुंह पर रूमाल से ढकने की आज सभी सलाह देते है ऐसी हालत में शिवशक्ति D की एक ही बूंद को रूमाल अथवा मास्क में लगाकर उपयोग करें काफी आरामदायक लगता है ।
किसी भी असाध्य बीमारी से कायमी छुटकारा प्राप्त करने हेतु आप लोकरक्षक हेल्थ केयर से संपर्क कर सकते हैं।
लोक रक्षक हेल्थ केयर नवसारी गुजरात
मोबाइल नंबर +91 98986 30756
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