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Wednesday, September 7, 2022

गुजरात राज्य के दक्षिण गुजरात में किसी भी नगरपालिका में ESIS कर्मचारी राज्य बीमा निगम 1948 लागू नहीं -RTI

गुजरात राज्य सर्वांगीण विकास समृद्धि पारदर्शिता जैसे शब्दों का प्रचार प्रसार करने में करोड़ों रुपए प्रतिदिन राजनीति पार्टियां आज खर्च कर रही है ंं। और विकसित गुजरात का रोल मोंडल को लेकर आज सरकारें सर्वोच्च सफलता भी अर्जित कर चुकी हैं। आदिवासियों मजूरों दलितों शोषित पीड़ित वंचित आर्थिक पिछड़े जैसे शब्द आज सफलता का मूल मंत्र बन चुका है। करोड़ों रुपए नई योजना बना कर सरकार ख़र्च भी कर रही है। परंतु जमीनी हकीकत में आज आदिवासियों मजूरों दलितों आर्थिक पिछड़े शोषित पीड़ित वंचित वर्ग की हालत बद से बदतर होती जा रही है। इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण सरकार के शासन प्रशासन की मिली भगत से हो रहा भ्रष्टाचार है। सरकार एक तरफ नये नये कानून बनाती जा रही है। तजज्ञो की मानें तो नये नये कानून की अधिकतर जरुरत तभी पड़ती है जब वर्तमान कानून को लागू करवाने में सरकार निष्फल हो जाती है अथवा कानून में कभी हो बिना सोचे समझे कानून बनाया जाये। फिलहाल यहां किसी राजनीतिक दलों का फर्जीवाड़ा प्रकरण का पर्दाफाश से कोई संबंध नहीं है। क्योंकि यहां इस कानून की रचना आजादी के तत्काल बाद वर्ष 1948 में हुआ। सभी प्रमुख दलों की सरकार यहां राज कर चुकी है। और आज सभी को जीत दिलाने में आदिवासी दलित शोषित पीड़ित वंचित आर्थिक पिछड़े जैसे महत्वपूर्ण शब्दों ने जमकर अपनी भूमिका निभाई है। और यही वर्ग किसी भी सरकार को जीत भी दिलाई है। आज तक पिछले 74 वर्षों में सबसे निचला तबका जिसे सबने उपयोग किया परंतु आज तक इस शब्द के बारे में किसी भी सरकार ने जमीनी हकीकत में कुछ विशेष काम नहीं किया। भारत सरकार की एक अमृतमय योजनाओं में ESIC कर्मचारी राज्य बीमा निगम है। जिसके अनगिनत फायदे हैं। परंतु जमीनी हकीकत में आर टी आइ से मिली जानकारी के अनुसार स्वायत्त संस्था के नाम पर चलने वाली नगरपालिका में भी इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। जबकि सभी शहरों के विकास में नगरपालिका एक अति विशिष्ट अद्भुत स्थान रखती है। और सूचना अधिकार अधिनियम से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण गुजरात की नगरपालिकाओ में मुख्य भूमिका निभाने में लगे चीफ ओफिसर श्री सभी अपने आप को सर्वोच्च सर्वश्रेष्ठ ईमानदार साबित करने में दिन रात काम कर रहे हैं। और मिली सूचना के अनुसार सबसे अधिक भ्रष्टाचार नगरपालिका में ही हुआ है। साबित होने पर यहां उसका एक नया एकाउंट बनाया जाता है। इसी प्रकार दक्षिण गुजरात की सभी नगरपालिकाओ में मुख्य रूप से काम चालू है।