नवसारी जिले में रोड निर्माता के भ्रष्टाचार पर चला कानून का हथौड़ा ....! एक करोड़़ से अधिक दंड करके किया शुभारंभ...?
नवसारी जिले में आज लगभग सभी विभाग भ्रष्टाचार के रंग में रंग चुके हैं।शासन प्रशासन सभी एक रंग में दिलचस्पी दिखाई दे रहे हैं। देश का दूर्भाग्य है कि शासन में कभी किसी अनुभव अथवा शिक्षा की प्राथमिकता नहीं दी जाती है। जिसका फायदा प्रशासन भली-भांति ले पाने में सक्षम दिखाई दे रहा है। आज यदि विद्वानों की मानें तो तथाकथित भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण शासन में शिक्षा और अनुभव की कमी है। आज लगभग सभी विभाग और उससे जुड़े सामान्य से सर्वोच्च तक भ्रष्टाचार कंपनी से जुड़े प्रतीत होते हैं। जिसे शासन प्रशासन के कार्यालय और उनके रहन-सहन वातचीत की शैली से भी अंदाजा लगाया जा सकता है। सबसे बड़ी दिलचस्प यह है कि यदि कोई अधिकारी इस परंपरा को तोड़ना चाहे अथवा कोशिश भी करें फिर उसे शासन इतना परेशान करता है कि उसे तत्काल अपने विचार तक से निकाल देना मजबूरी हो जाता है। ऐसी परेशानी होने में चंद प्रशासनिक अधिकारी ही साथ देते हैं। ऐसी परिस्थिति से आज सभी जिले राज्य और देश गुजर रहा है। फिलहाल इसका एक सटीक और सहज मार्ग जो निकल कर आया है और जिसमें सरकार और शासन भी सहमत हैं कि सभी कामों को डिजिटल इंडिया में ले जाते। इसके लिए गुजरात सरकार आदेश भी कर चुकी है काफी काम और खर्च भी किया जा चुका है। परन्तु यह आज ऐसे अधिकारी और नेता पसंद करेंगे जो या तो एक कुछ कर गुजरने का भाव हो अथवा आध्यात्म से जुड़े हुए हैं।
नवसारी जिले में भूस्तर शास्त्री श्री पहली बार एक ऐतिहासिक जांच की शुरुआत किया है। जिसमें एक करोड़ रुपए से अधिक का दंड किया है। यह शुभ शुरुवात मानी जाती है। अब इस परंपरा को आगे भी बढ़ाते हैं अथवा एक सेंपल का डेमो बताकर बाकी कामों को राम भरोसे।
नवसारी जिले में फिलहाल सर्वोच्च पदों में तबादले का तुफान चल रहा है। परन्तु सरकार के नियमों की मानें तो इसे अंतिम स्वरूप देना जिले के अंतिम छोर तक ले जाने के बाद ही कुछ सुधार हो सकता है। सिर्फ एक और दो को बदलने से परिणाम आना मुश्किल है। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 में मिली सूचना के अनुसार यहां सरकार के सभी कायदे कानून की धज्जियां वर्षों से उड़ाई जा रही है। सरकार के अधिकतर अधिकारियों को नियमों की अनदेखी करने में एक खास तरह की दिलचस्पी दिखाई देती है। नवसारी जिले के कई विभागों में करीबन पंद्रह वर्षों से अधिक के कर्मचारी अभी भी एक ही कुर्सी से काम चला रहे हैं। एक सामान्य। सूचना अधिकार अधिनियम को लागू करने के लिए सूचना आयोग यहां प्रार्थना वर्षों से कर रहा है।
नवसारी जिले में भ्रष्टाचार आज शिष्टाचार की तरह चरमसीमा पर पहुंच गया है। हालत बद से बदतर होती जा रही है। पर्यावरण से यहां मजाक किया जा रहा है। जिसका परिणाम यहां एक सामान्य वायरस ने देश को तबाह कर दिया है। प्रकृति के साथ यदि इसी तरह से खेल चलता रहा फिर वैज्ञानिकों की मानें तो पूरा विश्व का भविष्य खतरे में जाने की पूरी संभावना है। और फिलहाल इस दुष्चक्र से निकलना मुश्किल है।
सरकार के नियमों की मानें तो खनिज निकालने पर रोयल्टी भरना होता है। और उससे संक्रमित एरिया में दस प्रतिशत की सहायता दी जाती है। खासकर गरीबों असहायों मजदूरों आदिवासी महिलाओं छोटे छोटे शिशुओं में यह जरूरत के हिसाब से दिया जाता है। और यहां जैसा कि परंपरा है ऐसे मामलों में भी सरकारी अधिकारी किसी संस्था को बीच में रखकर सीधे डकैती की खबरें आज आम हो चुकी है। ऐसा ही यहां वर्षों से सभी कामों को अंजाम दिया जाता है। और ऐसे कामों का यहां न कोई पार्टी विरोध करती है न मीडिया ने ही कोई जागृत नागरिक न ही कोई अन्य। और कुछ संस्थाएं नवसारी जिले में ऐसी भी हैं जो कायदेसर गुंडागर्दी करते हैं। और शासन प्रशासन टकटकी लगाकर विधिवत पूजन किया करते हैं।
नवसारी जिले में सदर कार्यालय एक शुभ शुरुवात की है अब देखना दिलचस्प होगा कि इसे आगे भी लेकर जाया जायेगा कि दारु शराब के अड्डे के तर्ज़ पर चलाया जाता है।