Naturopathy Treatment

Naturopathy Treatment
Ayurvedic Treatments

Saturday, September 12, 2020

Lokrakshak News: નવસારી વિજલપોર નગરપાલિકાના વેરા વિભાગે સીસી બીયુસી...

Lokrakshak News: નવસારી વિજલપોર નગરપાલિકાના વેરા વિભાગે સીસી બીયુસી...: નવસારી વિજલપોર નગરપાલિકાના વેરા વિભાગે સીસી બીયુસી      વગર વેરા વસૂલ કરી કર્યો મોટો ભ્રષ્ટાચાર                           ટૂટેલા તમામ રો...

Saturday, September 5, 2020

गुजरात विकास कमिश्नर श्रीका AC को गैरकायदेसर के बाद एक नया ऐतिहासिक फैसला ..! परंतु जमीनी हकीकत पर पालन करवाना मुश्किल ..!

 


नवसारी :- गुजरात सरकार के विकास कमिश्नर का ऐतिहासिक फैसला काबीले तारीफ और प्रशंसनीय ..! 
गुजरात के जिले लगभग सभी वर्ग १ के साथ सभी कार्यालय में वाहनो में एरकंडीशन गैरकायदेसर अब सभी अधिकारियों के वेतन से वसूली होगी बिजली का बिल 

नवसारी जिला पंचायत में कर्मचारियों की नियुक्ति कहीं और काम कहीं और का हुआ पर्दाफाश 
नवसारी जिला विकास अधिकारी श्री को तटस्थ भुमिका और अधिकारियो के कामो के उपर विशेष कार्यवाही की जरूरत

नवसारी:- आज जब विश्व के लगभग सभी देश आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। हालत प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।जिसमें भारत पहले से आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। करीबन बीस करोड़ नागरिक बेरोजगार हो कर दर दर भटकने में मजबूर हो चुके हैं।
     गुजरात की हालत आज काफी खराब है। ऐसे समय में आज हमारे आइएएस आइपीएस अधिकारी हो कि जीएएस ,एक सामान्य तलाटी हो कि एक पीएसआइ अपने आप को मालिक समझ बैठे हैं। नागरिकों की हित की बात करते जीत जाने के बाद सेवा करने के बजाय सबसे मंहगी गाड़ी एरकंडीशन कार्यालय के साथ बैंक बैलेंस और संपत्ति जुटाने में भूल जाते हैं कि सरकार और नियम किस लिए बनाये गये हैं। 
       आज गुजरात राज्य के विकास कमिश्नर की जितनी तारीफ की जाये कम है। गुजरात विकास कमिश्नर श्री ने सभी जिले के जिला विकास अधिकारियों और गैरकायदेसर एरकंडीशन में विराजमान प्रमुख श्रीयों  को एक आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि तत्काल दस सितंबर तक सभी गैरकायदेसर पी ए और गैरकायदेसर चिटनिस को उनके नियुक्ति के अनुसार रख कर प्रमाण दें। हालांकि जहाँ तक नवसारी जिले की बात करें। यहाँ सरकार के लगभग सभी नियमो को मानना अधिकारी गण गुनाह समझते हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार नवसारी जिले में एक भी GAS जैसी डिग्री धारको ने अपने कार्यालय में से एरकंडीशन नही निकाला है। साथ ही साथ वर्षो से अपने कार्यालय में महेकम से अधिक कर्मचारियों को जो किसी अन्य कचेरी से वेतन ले रहे है। उनको गैरकायदेसर अपने कचेहरी में काम करवा रहे हैं।  सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरो के अनुसार इसकी पूरी जानकारी विकास कमिश्नर श्री को है। जैसा कि भारत का संबिधान में दर्ज है और जानकार मानते है कि ऐसी हालत में नियमानुसार सभी के वेतन से बिजली का बिल भरवाने के साथ इन्हे सजा का प्रावधान भी है। और सरकार के नियमो की अनदेखी अपमान अवमानना के जुर्म में तब जब कि हालत बद से बदतर हो सरकार द्वारा दी गई सभी सुविधाएं प्रमाण पत्र सर्टिफिकेट रद्द भी किया जा सकता है। जानकार ऐसा भी मानते है कि ऐसे सर्वोच्च पदोंं पर नियुक्त अधिकारियो को विकास कमिश्नर के हुक्म की अवमानना के जुर्म म़े कई ऐसे नियम है जिनका विस्तार से यहाँ लिखना संभव नही है। विकास कमिश्नर श्री अपने आदेश को पालन करवाने में विशेष सक्षमता हासिल  है। अब देखना दिलचस्प होगा कि नवसारी जिले में उपरोक्त नियमो की धज्जियां उड़ाई जाती है अथवा नतमस्तक होकर आर्थिक तंगी में साथ सरकार के नियमो का पालन। वैसे इस पर सभी की नजरे जरूर रहेगी। प्राप्त सूचना के अनुसार सभी गैरकायदेसर एरकंडीशन धारक  अधिकारियों को सरकार की अवमानना की नोटिस के साथ महत्तम बिजली बिल भरने तक अंतिम आदेश जारी करने का अनुमान लगाया जा रहा है। 
                   नवसारी जिला पंचायत में आज सामान्य से सर्वोच्च अधिकारियो को आने जाने पर कोई प्रतिबंध नही है। समयनुसार काम करवाने के लिये एक  सामान्य  डिजिटल हाजरी  मशीन भी नही  है।सरकार  के कायदे की धज्जियां  उडाना  जिला विकास  अधिकारी के  हुकम का अपमान  करना यहां  की एक परंपरा हो चुकी है। सूचना का अधिकार  अधिनियम 2005 आज 15 वर्ष पूर्ण  होने के  बावजूद जिला पंचायत की एक भी कचेरी कायदेसर जवाब नही देती। यदि किसी  नगरिक को जिला विकास अधिकारी को मिलना हो तो यहां एक IAS जिला विकास अधिकारी होने के बावजूद भी एक गैरकायदेसर एरकंडीशन में सामान्य कलर्क तय करता है कि किसे मिलवाना है किसे नही। सेवा का अधिकार अधिनियम 2013 का हो अथवा एक सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का बोर्ड लगाना अधिकारी एक जुर्म समझते हैं। आज कोरोना महामारी से पूरी नवसारी जिला त्राहिमाम हो चुका है भय का माहोल बना हुआ है । परंतु आरोग्य विभाग में इसकी जानकारी देने के लिये कोई जवाबदार अधिकारी नही है। पूरा आरोग्य विभाग आज वर्षो से लकवा ग्रस्त हो चुका है। यहां एक बार सरकार ने नियुक्त कर दिया फिर आजीवन वह अधिकारी अपना अधिकार समझ जाता है।